अक्सर रेल यार बस में सफर करते हुए समय बिताने के लिए लोग अखबार या फिर कोई पत्रिका खरीद लेते हैं। हालांकि आज कल मोबाइल फोंस ने लोगों को इतना बीसी कर दिया है कि घंटों का सफर भी आसानी से बीत जाता है। लेकिन जो मज़ा किताबों को पढ़ने में आता है वो फोंस से नहीं मिलता। स्टेशनों पर बस या ट्रेनों के लेट होने पर इंतज़ार के पलों को कम करने के लिए गुवाहाटी के 50 वर्षीय अनूप खन्ना ने एक अनोखा काम किया है। जनवरी 28 को राज्य में साहित्य सम्मेलन में भाग लेने के दर्ज़न भर कलाकार और लेखक आये थे। खन्ना ने सबके पढ़ने की आदत को देखते हुए बस स्टॉप पर ही एक लाइब्रेरी खोल दी।

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