अर्थक्रांति के अनुसार बाजार में 50 और 100 के नोट बने रहेंगे क्योंकि गरीब आदमी को कैशलेस होने में वक्त लगेगा। उसके अनुसार अगर आप अमेरिका या दूसरे देशों की अर्थव्यवस्था को देखें तो वहां लोग भारी मात्रा में कैश लेकर नहीं चलते लेकिन भारत में बड़े नोटों की वजह से लोग बैंकिंग सिस्टम से काफी दूर हैं।
फाल्के ने आगे कहा कि उनके प्लान में वो बिल्कुल नहीं चाहते की लोग अपने अकाउंट में 100 करोड़ जमा कर दें और पेनल्टी भुगतें। पहले टैक्सेशन सिस्टम डिफेक्टिव था जिसके चलते लोगों को बड़ी रकम जम करने में पेनल्टी नहीं लगती थी। सरकार अब इसका 10 प्रतिशत टैक्स ले सकती है और बचा हुआ अमाउंट 15 साल के बॉन्ड के माध्यम से दे सकती है। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह वक्त पर निर्भर है कि कब उनकी पॉलिसी लागू की जाती है। संभव है यह 2017-18 में हो या फिर 2019 में। लोगों को हमारे प्लान की ताकत का एहसास हो चुका है।