फाल्के ने दावा किया कि वो पीएम मोदी से 2013 से अपने प्रस्ताव लेकर मिल रहे हैं और उस समय वो गुजरात के सीएम थे। उनके अनुसार जैसे की भारत की अर्थव्यवस्था काफी बड़ी मात्रा में नकदी पर निर्भर है ऐसे में पीएम मोदी एक वक्त में सभी बड़े नोट बाजार से नहीं हटा सकते। लेकिन उन्होंने अपने भाषण में साफ कहा था कि 2000 रुपए का नोट रेगुलेट होगा। जैसे ही लोग कैशलेस तरीकों को अपनाने लगेंगे, इस नोट को बाजार से हटाना असान हो जाएगा।
बैंकिंग ट्रांजेक्शन टैक्स के अंतर्गत लोगों को 1-2 प्रतिशत टैक्स देना होगा। यह टैक्स केंद्रीय, राज्य और स्थानीय बॉडीज के बीच बांटा जाएगा। जब सभी ट्रांजेक्शन कैशलेस होंगे तो प्रतिष्ठान का मानना है कि बीटीटी को मिलने वाले टैक्स 21 लाख करोड़ तक पहुंच जाएंगे जो उन सभी टैक्सों से मिलने वाली रकम के बराबर हैं जो केंद्र और राज्यों द्वारा लगाए गए हैं।