वैसे तो आप ने कई छोले-कुल्चे के ठेले देखे होंगे लेकिन हर कोई ठेला अपने आप में कुछ न कुछ खासियत को लेकर चर्चा में रहता है। लेकिन क्या आप ने कभी ऐसा सुना है कि कोई फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाला व्यक्ति भी छोले कुल्छे की ठेला लगाता हो। अक्सर हम सुनते रहते कि अगर किसी अच्छी कम्पनी में नौकरी करनी है तो उस के लिए अंग्रेजी आनी चाहिए।

लेकिन इन दिनो दिल्ली-एनसीआर में गुरुग्राम के सेक्टर 14 की एक दुकान खास बनी हुई है। यहां ठेला लगाने वाली महिला इन दिनो सोशल मीडिया पर छाई हुई है। दरअसल, ठेले पर छोले-कुल्चे बेचने वाली महिला ग्रैजुएट है और फर्राटेदार अंग्रेजी बोलती है। इस महिला का नाम उर्वशी यादव है।

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उर्वशी को क्यों लगाना पड़ रहा है छोले-कुल्चे का ठेला?

आप को बता दे कि उर्वशी के पति एक प्राइवेट कंपनी में मैनेजर थे। उर्वशी का परिवार खुश था इस बीच एक एक्सीडेंट में उनके पति का कूल्हा टूट गया। जिस कारण अब उनके कूल्हे की सर्जरी करनी होगी। वहीं एक्सीडेंट के बाद उर्वशी के पति की नौकरी भी चली गई, और इस कारण उनका परिवार अचानक आर्थिक तंगी से गुजरने लगा। पति की नौकरी जाने के बाद घर की सारी जिम्मेदारी उर्वशी के कंधों पर आ गई। और इसी के बीच उर्वशी ने अपना परिवार चलाने के लिए छोले-कुल्चे का ठेला लगाने का फैसला लिया।

उर्वशी बताती हैं कि उनके दो बच्चे हैं और दोनों अभी पढ़ाई कर रहे हैं। कम पैसे की लागत से ये बिजनेस शुरू हो गया और उन्हें खाना बनाना पसंद है, तो कोई दिक्कत भी नहीं हुई। और वे बताती हैं कि अब उनका सपना है कि एक दिन बहुत बड़ा रेस्टोरेंट खोलूं। वहीं लोग उर्वशी के जज्बे की तारीफ़ कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि वे इतने टेस्टी छोले-कुल्चे बनाती है, जिससे लगता है कि वह घर का खाना खा रहे हैं।

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