महिला बाल विकास विभाग की संयुक्त संचालक राजेश मेहरा ने बताया कि कुछ दिन पहले उन्होंने भी देलमी केंद्र का निरीक्षण किया था। आंगनवाड़ी वर्कर ने न केवल गांव में बच्चों के पोषण को सुधारा, बल्कि अपनी कला-कौशल से सैकड़ों बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्र की ओर आकर्षित कर रही है।

संगीता का कहना है कि, शिक्षा यंत्र और नए-नए तरीके से बच्चों को सिखाने के बाद वे खुद-ब-खुद समय पर केंद्र पहुंच जाते हैं। इससे बच्चों की उपस्थिति काफी बढ़ गई है और पोषण स्तर भी बढ़ता जा रहा है।

संगीता पटेल बताती हैं कि पहले वह केंद्र में बच्चों की कम उपस्थिति से परेशान थीं, पहले हमें घर-घर जाकर बच्चों को लाना पड़ता था लेकिन अब बच्चे खुद व खुद यहां आने लगे है।

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