आइडिया और वोडाफोन के विलय से ग्राहकों को होगा बंपर फायदा , आदित्य बिड़ला ग्रुप की कंपनी आइडिया सेल्युलर और ब्रिटिश कंपनी वोडाफोन की भारतीय यूनिट वोडाफोन इंडिया के विलय पर मुहर लग गई है। इस फैसले का असर इस पूरी इंडस्ट्री के साथ-साथ कर्मचारियों और दूरसंचार उपभोक्ताओं पर भी होगा।

रिलायंस जियो इंफोकॉम की आक्रामक लांचिंग ने इस बाजार में पहले ही प्राइस वार शुरू कर दी है। अब आइडिया-वोडा विलय और उसके बाद रिलायंस कम्युनिकेशंस की योजना से टेलीकॉम सेवाओं की दरें और नीचे आना तय माना जा रहा है।

टेलीकॉम कंपनियों के विलय की बदौलत सेवाओं की गुणवत्ता सुधरेगी। वोडाफोन और आइडिया एक-दूसरे की टेक्नोलॉजी और संसाधनों का इस्तेमाल कर पाएंगे। इससे उनकी लागत घटेगी और सर्विस बेहतर होगी।

घरेलू बाजार में आगे चलकर गलाकाट प्रतिस्पर्धा के आसार हैं। भारती एयरटेल ने पहले ही टेलीनॉर का भारतीय बिजनेस खरीद लिया है। दूसरी तरफ रिलायंस कम्युनिकेशंस, एयरसेल, टाटा टेली सर्विसेज और एमटीएस आपस में मिलकर एक बड़ी कंपनी बनाने वाली हैं।

इस विलय के बाद दोनों कंपनियों के ग्राहक 38 करोड़ हो जाएंगे। कंपनियां अपने सर्किल और नेटवर्क का विस्तार करेंगी जिसका फायदा दोनों कंपनियों के मौजूदा और नए ग्राहकों को होगा। विलय के बाद दोनों कंपनियां देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी हो गई है। कंपनी इस मौके को भुनाने के लिए नए-नए और आकर्षक ऑफर पेश करेगी।

मर्जर के बाद कंपनी के पास सबसे ज्यादा ग्राहक हो गए हैं। ऐसे में कंपनी जियो के सामने मजबूती से खड़ी रहेगी, क्योंकि वोडाफोन-आइडिया के नेटवर्क जियो से कभी ज्यादा हैं। यह भी हो सकता है कि जियो के ग्राहकों को तोड़ने के लिए नए-नए ऑफर भी पेश किए जाएं।

आइडिया-वोडाफोन विलय से बनने वाली नई कंपनी को कम कर्मचारियों की जरूरत होगी। ऐसे में छंटनी की आशंका जताई जा रही है। कुमार मंगलम बिड़ला ने इसके संकेत भी दिए हैं। दोनों कंपनियों के मर्जर के बाद आइडिया और वोडाफोन एक ही नेटवर्क का उपयोग करेंगी। इससे दोनों कंपनियों के ग्राहकों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।

 

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