पूरी दुनिया में तकनीकी के क्षेत्र में अगर किसी देश को जाना जाता है तो वो है जापान। परमाणु हमले के बावजूद इतनी जल्दी खुद को उबार पाना काफी मुश्किल था लेकिन जापान ने अपने हुनर के दम पर इस समस्या से निजात पा ली है और आज पूरे विश्व भर में अपनी तकनीकी की धाक जमाए हुए है। हाल ही में जापान ने एक तेज़ रफ्तार ट्रेन ईजाद की है। इस ट्रेन की खासियत यह है कि यह पालक झपकते ही आँखों के सामने से ओझल हो जाती है। जापान की इस ट्रेन का नाम एससी मैग्लेव ट्रेन है। अपनी 600 किमी प्रति घंटा की रप्तार से यह ट्रेन वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुकी है। साल 2015 में इस ट्रेन ने 603 किमी प्रति घंटे की रप्तार से अपना ही 12 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा था। एल जीरो सीरीज की इस ट्रेन में टेस्ट के दौरान 49 कर्मचारियों को बैठाया गया था। ट्रेन इस रफ्तार से 11 सेकेंड में 1.8 किमी तक चलाई गई थी। यह मैगनेटिक लेविटेशन रेलवे सिस्टम पर आधारित ट्रेन है जो ट्रैक और ट्रेन के बीच चुंबकीय विकर्षण के सिद्धांत पर काम करती है।

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के प्रोजेक्ट पर भारी भरकम खर्च आता है। मैग्नेटिक लेविटेशन में ट्रेन में पटरियों और पहियों में चुंबकीय दबाव होता है। जब गाड़ी दौड़ती है तो मैग्नेटिक फोर्स के चलते ट्रेन पटरी से 1 से 6 इंच ऊपर उठकर दौड़ती है। ऐसे में फ्रिक्शन कम होता है और ट्रेन की रफ्तार बनाना आसान हो जाता है। इस ट्रेन की वीडियो देखने पर पता लगता है कि इसकी रफ्तार हवा से भी तेज है। ट्रैक पर दौड़ती इस ट्रेन को कैमरे में कैद पर पाना मुश्किल काम है। रफ्तार के मामले में दूसरे नंबर पर भी जापान की ही ट्रेन है। इसका नाम जेआर मैग्लेव एमएलएक्‍स 01 है। इसकी तफ्तार 581 किमी प्रति घंटा की है। इस ट्रेन के लिए 2027 तक 505 किमी का ट्रैक तैयार करने की योजना है। इसमें 122 बिलियन डॉलर का खर्च आएगा। ट्रैक बन जाने के बाद टोक्यो से ओसाका का 404 किमी का सफर 67 मिनट में पूरा किया जा सकेगा। इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर TGV POS ट्रेन है। यह कमर्शियल रेलवे की सबसे तेज ट्रेन है जिसकी रफ्तार 575.8 किमी प्रति घंटा की है। इसे फ्रेंच मैन्यूफैक्चर अल्‍सटोम ने बनाया है।

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