चीन ने बगैर पटरी के ट्रेन दौड़ाने में सफलता हासिल की , बड़े शहरों में सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए चीन ने पहली बार पटरी रहित (ट्रैक लेस) ट्रेन चलाई है। यह ट्रेन वर्चुअल ट्रैक (आभासी) पर दौड़ती है। पारंपरिक ट्रेनों के विपरीत इसमें बस-ट्रक की तरह स्टीअरिंग लगा है, जिसकी मदद से ड्राइवर इसे मोड़ सकेगा।
ट्रेन में प्लास्टिक के कोर पर रबर व्हील्स का इस्तेमाल किया गया है। इसके लिए नई तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।नई ट्रेन की लागत पारंपरिक सबवे सिस्टम की लागत के पांचवें हिस्से के बराबर है। एक सबवे सिस्टम की लागत 378 करोड़ से 655 करोड़ रुपए पड़ती है। इस तरह नई ट्रेन की लागत महज करीब 76 करोड़ रुपए पड़ेगी। नई ट्रेन करीब 25 साल तक सेवा दे सकती है। इसकी लंबाई करीब 100 फीट रखी गई है। इसमें एकसाथ 307 यात्री सफर कर सकते हैं। इसकी अधिकतम रफ्तार 70 किमी प्रति घंटा है। दस मिनट की चार्जिंग में यह 25 किमी दौड़ सकती है।
देश के हुनान प्रांत के झुझोऊ शहर में शुक्रवार को इस ट्रेन का ट्रायल किया गया, जो सफल रहा। अखबार पीपुल्स डेली ऑनलाइन के मुताबिक, यह ट्रेन प्रदूषण नहीं फैलाती है। चीन रेल कॉर्पोरेशन ने वर्ष 2013 में इस तरह की ट्रेन की डिजाइन बनाने की शुरुआत की थी। इस ट्रेन को अगले साल से चलाने की योजना है।