जिसके बाद मामले को लेकर अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष सहित कोर्ट के अन्य वकील थाने पहुंचे। इसके बाद भी नाबालिग अड़ी रही और एक ही बात बोली कि आज वह मांग में सिंदूर भरवाकर ही जाएगी। काफी मान मनौब्वल के बाद नाबालिग समझ गई और शादी के आश्वासन के साथ थाने से बिना कोई शिकायत दर्ज कराए वहां से चली गई।
नाबालिग के पीछे-पीछे उसकी दादी भी उसे समझाने थाने पहुंच गई थी। सभी के समझाने के बाद भी नाबालिग अपनी शादी की बाद भी अड़ी रही। बार-बार चीख-चीखकर रोने के कारण दोपहर 1 बजे नाबालिग बेहोश होकर थाने में टीआई के टेबल पर गिर पड़ी। जिसके बाद महिला आरक्षक ने उसे पानी पिलाकर अलग से समझाइश दी। नाबालिग और लड़के की मां के बीच आपसी समझौता होने के बाद सभी थाने से चले गए।