आरोपी की जमानत के लिए दिए गए प्रार्थना पत्र में इस सुपरवाइजर के बयान भी शामिल किए गए हैं। पीड़िता के इस बयान से सुपरवाइजर भी हैरान है कि उसके लिए सेक्शुअल ऐक्ट कोई नया काम नहीं था।

दो हफ्ते पहले दिए गए अपने आदेश में जस्टिस साधना जाधव ने 52 वर्षीय अंधेरी निवासी आरोपी को 15,000 रुपये की जमानत पर इस शर्त के साथ रिहा कर दिया कि वह पीड़िता के साथ कोई संपर्क नहीं रखेगा। आरोपी अक्टूबर 2015 से पिछले 15 महीने से जेल में था। कोर्ट ने अपने आदेश में पीड़िता की पृष्ठभूमि के बारे में कहा है, ‘सरकारी वकील को अपने हस्तलिखित बयान में पीड़िता ने यह स्वीकार किया है कि वह पहले से ‘गंदी बातों’ में शामिल थी। ऐसा लगता है कि वह स्वाभाविक तौर पर असामान्य है और शायद उसकी मर चुकी मां की हरकतों और अपने आसपास के परिवेश के कारण बचपन से ही उसमें यौन प्रवृत्ति थी।’

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