परिवार वालों की कोशिश थी कि जल्द से जल्द शादी कर दी जाए, ताकि प्रेम कहानी का अंत हो जाए। लड़की कोई गलत कदम न उठा ले इसलिए उसका घर से निकलना बंद कर दिया। मगर वह प्रेमी से संपर्क में रही। इससे अंजान परिवार वालों ने शादी की तैयारियां पूरी कर लीं।
परसों रात को सभी पीलीभीत से बरेली आ गए। शादी समारोह शुरू हो गया मगर दुल्हन ने किसी को इसका अहसास नहीं होने दिया कि उसके मन में क्या चल रहा है। चूंकि वरमाला के बाद फेरे होने के बीच खासा समय होता है, रिश्तेदार भी आराम करने या खाने में लगे होते हैं इसलिए यही वक्त भागने के लिए तय किया गया।