नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल ने सोमवार (6 फरवरी) को कहा कि “गंगा नदी का एक बूंद भी अब तक साफ नहीं हो सका है।” एनजीटी ने साथ ही गंगा की सफाई के लिए परियोजना के नाम पर ‘जनता के धन की बर्बादी’ को लेकर सरकारी एजेंसियों की आलोचना की। अधिकरण ने सरकारी एजेंसियों से पूछा कि वे किस प्रकार से प्रधानमंत्री के महत्वाकांक्षी ‘नमामि गंगे परियोजना’ को लागू कर रहे हैं।

 

 

 

एनजीटी ने कहा कि वह केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार की शिकायतों को लेकर किसी तरह का नाटक नहीं चाहता है। एनजीटी प्रमुख न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने नदी को साफ करने की योजना पर एकसाथ काम करने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा, “प्रधानमंत्री ने आपको एक लक्ष्य दिया है, इसे एक राष्ट्रीय परियोजना के तौर पर लीजिए।”

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