पीठ ने कहा, “यह केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और अन्य सरकारी एजेंसियों की गलती है, जो सही तरीके से अपना काम नहीं कर रहे हैं। क्या आपने (अधिकारियों ने) अपना काम सही तरीके से किया है, आप यहां (अदालत के समक्ष) खड़े नहीं हो रहे…आपने कुछ भी नहीं किया है…आप लोगों के रुपयों को बर्बाद कर रहे हैं…सब कोई यह कह रहा है कि वे गंगा को साफ करने के लिए बहुत कुछ कर रहे हैं लेकिन नदी का एक बूंद भी साफ नहीं हो सका है।” केंद्र ने गंगा नदी को साफ करने की परियोजना ‘नमामि गंगे’ के मद में 2000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि आवंटित की है।

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