दोपहर में सोना हो सकता है जानलेवा, जानिए कैसे?

type-2-diabetes

टाइप 2 डायबिटीज इंसुलिन प्रतिरोध और सापेक्ष इंसुलिन कमी के संदर्भ में उच्च रक्त ग्लूकोस द्वारा पहचाना जाता है। यह मधुमेह मेलिटस टाइप 1 के विपरीत होता है जिसमें अग्नाशय में आइलेट कोशिकाओं के विघटन के कारण पूर्ण इंसुलिन कमी होती है।

अधिक प्यास लगना, बार-बार मूत्र लगना और लगातार भूख लगना इसके लक्षण हैं। मधुमेह के 90 प्रतिशत मामले टाइप 2 मधुमेह के होते हैं जबकि शेष 10 प्रतिशत प्राथमिक रूप से मधुमेह मेलिटस टाइप 1 और गर्भावस्था मधुमेह के होते हैं। आनुवांशिक रूप से रोग के प्रति अधिक संवेदनशील लोगों में टाइप 2 मधुमेह का मुख्य कारण मोटापे को माना जाता है।

टाइप 2 डायबिटीज आम तौर पर एक जटिल रोग है, जिसमें जीवन की संभवत: 10 वर्ष कम हो जाती है। ऐसा आंशिक रूप से उन बहुत सारी जटिलताओं से होता है जो इसके साथ जुड़ी हैं, जिनमें: हृदय रोग का दो से चार गुना जोखिम, जिसमें स्थानिक हृदय रोग और दौरा भी शामिल है। मधुमेह की दर, मोटापे की दर के सामान पिछले 50 वर्षों में समांतर रूप से बढ़ी है। 2010 में लगभग 285 मिलियन लोग इस रोग से पीड़ित हैं, जबकि 1985 में इनकी संख्या लगभग 30 मिलियन थी।

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