उसके बाद टीन एज और फिर यूनिवर्सिटी तक मुझे इतनी आदत सी हो गई और मैं एक दिन में दो-तीन बार पोर्नोग्राफी देखने लगी। मुझे इससे अच्छा और कुछ भी नहीं लगता था।”

उन्होंने बताया कि चूंकि इतनी कम उम्र में ही मैने पॉर्नोग्राफ़ी और शारीरिक संबंध बनाने के तरीके जान गई थी तो मुझे समझ में नहीं आता था कि लोगों से किस तरह से पेश आना चाहिए, कैसे दिखना चाहिए।” आगे वो कहती हैं कि मैं कुछ भी समझ में नहीं पाती थी, पर यह सब बहुत डरावना था। इसकी वजह से उन्हें स्वस्थ रिश्ते बनाने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

 

 

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