हर पति हमेशा अपनी पत्नी की तुलना अपनी मां से करता है। अगर आप अपनी मां के हाथ का बना खाना पसंद करते हैं तो इसमें कोई बुराई नहीं है लेकिन इसकी तुलना अपनी पत्नी से करना बेककूफी से कम नहीं है। जैसे दो रंग कभी एक जैसे नहीं हो सकते वैसे ही दो इंसान भी कभी एक जैसे नहीं हो सकते।