सिर दर्द हो रहा है… चलो डिस्प्रिन या सेरिडोन ले लेते हैं…  आज बदन में बहुत दर्द है ऐसा करती हूं कांबिफ्लेम या ब्रूफेन ले लेती हूं… अक्सर सिर दर्द, बदन दर्द या पेट दर्द हो तो दिमाक में तुरंत पेनकिलर्स ही आते हैं। दर्द से परेशान होने पर पेनकिलर्स ले लेना एक बहुत आम सी बात है। जरा सा दर्द हुआ नहीं कि बस बिना किसी डॉक्टर से कंसल्ट करे, हम लोगों को मिनट लगता है पेनकिलर लेने में। और तो और यें आपको आसानी से अपने आस पास के मेडिकल स्टोर्स में बिना किसी प्रिस्क्रिप्शन के मिल जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जो पेनकिलर आप दर्द से तुरंत राहत पाने के लिए लेते हैं उसके काफी साइड इफेक्टस भी होते हैं, जो कि आगे जाकर एक बड़ी बिमारी का रूप भी ले सकते हैं। चलिए आज हम आपको बताते है आपके घर के किचन में मौजूद पेन किलर्स के बारे में।

अजवायन

पुराने समय से अजवायन का इस्तेमाल घरेलू औषधि के तौर पर किया जाता है। अजवायन आपकी पाचन से जुड़ी समस्याओं के लिए अच्छा उपाय है साथ ही यह पाचन शाक्ति को मजबूत करता है। अजवायन बहुत अच्छा पेनकिलर का काम भी करता है। आपको कभी भी पेट में दर्द व एठेन महसूस हो तो आप इसका सेवन करें। इस से आपको आराम मिलेगा। मासिक धर्म में होने वाले दर्द में भी यह आपको राहत देता है।

लहसुन

लहसुन खाने में स्‍वाद तो बढ़ाता ही है, लेकिन इसमें कई औषधीय गुण भी है। यह एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक दवा के तौर पर काम करता है। यह आपको कई बीमारियों की रोकथाम और उपचार में मदद करता है। इसलिए आयुर्वेद में भी इसे सदा जवान बनाए रखनी वाली औषधि बताया गया है। रोजाना सुबह सुबह खाली पेट लहसुन की दो या तीन कलियों का सेवन करें। आगर आपके कानों में किसी तरह का दर्द हो तो आप लहसुन की तीन कलियां लो उसे सरसो के तेल में गर्म करलो और इस तेल की दो बूंदें रोजाना 5 दिनों तक कानों में डालें।

धनिया

सब्जी भाजी का स्वाद बढ़ाने के लिए हम धनिया का इस्तेमाल करते हैं। वैसे तो यह आम मसाला है, लेकिन क्या आप जानते हैं इसमें कई औषधीय गुण होते हैं। अगर पेट में दर्द या जलन हो, तो आप पिसा हुआ धनिया को मिश्री के साथ पानी में घोलकर पीएं। इसे पीने से दर्द ठीक हो जाता है। वहीं अगर मुंह में छाले हो तो आप हरी धनिया का रस छालों पर लगाएं। ऐसा करने से छालों में आराम मिलेगा।

लौंग

लौंग मसालों के अलावा आयुर्वेदिक औषधि का भी काम करता है। यह एक नैचुरल पेनकिलर है। यह सर्दी-जुकाम से लेकर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के ईलाज में भी उपयोगी है। लौंग दांतों में दर्द, मसूड़ों में सूजन से राहत दिलाने के लिए बेहद उपयोगी होता है। दांतों में दर्द होने पर लौंग को दर्द वाले हिस्से पर रखकर धीरे-धीरे चबाएं। ऐसा करने से आपका दर्द छूमंतर हो जाएगा।

 

मेथीदाना

मेथीदाना औषधीय गुणों से भरपूर हैं। अंग्रेजी में इसे ‘फेन्युग्रीक’ कहते है। इसका सेवन करने से घुटनों के दर्द व मांसपेशियों में होने वाले खिंचाव में आराम मिलता है। मेथीदाना को हल्का भून लें और इसे बारीक कूट लें फिर इसमें चौथाई भाग काला नमक मिला लें। इसका सेवन सुबह और शाम एक-एक चम्मच गुनगुने पानी के साथ करें।

 

जीरा

खासतौर पर खाने में स्वाद और खुशबू को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल होने वाला जीरा कई औषधीय गुणों से भरपूर होता है। जीरा आयरन का सबसे अच्छा स्रोत है। इसका रोजाना सेवन करने से खून की कमी दूर होती है। जीरे में एंटीसेप्टिक तत्व होते हैं। यह रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाता है। सर्दी-जुकाम से भी यह काफी राहत दिलाता है।

 

हल्दी

हल्दी एंटीसेप्टिक और एंटीबायोटिक गुणों से भरपूर होती है। सर्दी हो, जुकाम हो, चोट लगने पर हो, या फिर अपने सौंदर्य को सवारने के लिए, हल्दी सभी समस्याओं के लिए लाभकारी है। हल्दी में दर्द निवारक गुण होते हैं, जो कि जोड़ों के दर्द और आर्थराइटिस से परेशान लोगों के लिए वरदान है।

 

बड़ी इलायची

आयुर्वेद में बड़ी इलायची का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है, जो कि कई बीमारियों में लाभकारी होता है। यह मूत्र रोग, खाँसी, कफ, खुजली आदि रोगों को दूर करने में मदद करती है।

 

मुलेठी

मुलेठी औषधीय गुणों से भरपूर होती है। इसका इस्तेमाल प्रचीन समय से ही औषधि के तौर पर किया जाता है। इसमें 50 प्रतिशत तक पानी की मात्रा होती है। तो कभी भी आपको मुंह सूखा लगे तो आप इसका सेवन कर सकते हैं। यह गले में सूजन और खासी में भी बहुत फायदा करती है। पेट के अल्सर के लिए भी मुलेठी एक अचूक औषधि है।

 

पुदीना

पुदीना को अंग्रेजी में पेपरमिंट कहा जाता है। पुदीना हाजमे के लिए मददगार होता है। यह आपको कई बीमारियों से बचाने व रोकने में सक्षम है। इसलिए किचन में हमेशा पुदीना या पुदीना पत्तों को जरूर रखें। एसिडिटी के लिए यह रामबाण औषधि का काम करता है। इस से आपको पेट दर्द में भी आराम मिलता है।

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