एक आम पुरुष का बर्ताव और उसका खानपान उसके शरीर के टेस्टोस्टेरोन स्तर से सम्बंधित हो सकता है। इस तर्क को ध्यान में रखते हुए उन्हें लगा कि उन्हें अपनी शोध पुरुषो की लार में पायी गयी टेस्टोस्टेरोन की मात्रा के आधार पर शुरू करनी चाहिए।

144 फ्रेंच पुरुषो को प्रयोगशाला में बुलाकर कुचले हुए आलुओं की दावत दी गयी। उन्हें बताया गया कि वे अपने खाने में जितनी चाहे उतनी चटपटी चटनी और नमक डाल सकते है। भोजन शुरू करने से पहले उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें तीखा खाना पसंद है और भोजन के उपरान्त उन्होंने शोधकर्ताओं को बताया कि जो खाना उन्होंने खाया वो उन्हें तीखा लगा या नहीं?

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