3) 20 साल पहले ऑनलाइन पेमेंट की बात करना भी अजीब माना जाता था। लोग वर्चुअली पैसे खर्च करने को लेकर सहज नहीं थे। मगर उस वक्त भी लोग डिजिटल मनी के जरिए अपना फेवरिट पॉर्न कॉन्टेंट सब्स्क्राइब कर रहे थे।
4) फ्लॉपी डिस्क से शुरू होकर, सीडी, डीवीडी और फ्लैश ड्राइव तक के विस्तार में पॉर्न की बड़ी भूमिका रही है। क्लाउड स्टोरेज के मामले में भी यही बात लागू होती है। जिस वक्त इंटरनेट की स्पीड स्लो थी, कॉन्टेंट को स्ट्रीम करने के बजाय डाउनलोड करके रखने को प्राथमिकता दी जाती थी। इसके अलावा सीडी और डीवीडी किराए पर लेने का चलन भी एक वक्त चरम पर रहा था।
5) विडियो स्ट्रीमिंग का आगाज़ करने का श्रेय यूट्यूब को नहीं जाता है। पॉर्न इंडस्ट्री ने सबसे पहले अपने वेब पेजों पर पॉर्न विडियो डाले थे। वे ब्राउजर्स के साथ काम करते थे। पॉर्न इंडस्ट्री की वजह से ही बड़ी कंपनियों को अहसास हुआ कि विडियो में बहुत ज्यादा क्षमता है।