हालांकि मूत्र में तरह-तरह के द्रव होते हैं किंतु इसमें जीवाणु नहीं होते । यूटीआई से ग्रसित होने पर मूत्र में जीवाणु भी मौजूद होते हैं । जब मूत्राशय या गुर्दे में जीवाणु प्रवेश कर जाते हैं और बढऩे लगते हैं तो यह स्थिति आती है । कमजोर हो जाती हैं ब्लैडर की मांसपेशियां ,दवाब के बाद भी यदि तीन से चार मिनट भी पेशाब को रोका गया तो यूरिन के टॉक्सिक तत्व किडनी में वापस चले जाते हैं, जिसे रिटेंशन ऑफ यूरिन कहते हैं । इसके अलावा यूरीन बार-बार रोकने से ब्लैडर की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और यह यूरीन करने की क्षमता को भी कम करता है ।
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