इसके अलावा इनके न सिकुड़ने का एक और कारण ये भी होता है कि इनका फाइबर नैचुरली एकदम सीधा-सीधा होता है। ये अपने आप ही बुनने के लिए तैयार होता है। इसको बुनने लायक बनाना नहीं पड़ता। ऐसे में धोने के बाद भी इसका फैब्रिक अपने प्राकृतिक रूप में सीधा ही बना रहता है। वो सिकुड़ता नहीं।
आर्गेनिक फाइबर की बनावट प्राकृतिक तौर पर सीधी नहीं होती। ये आमतौर पर इतने मुड़े हुए होते हैं कि इनको बुनने लायक बनाना पड़ता है। मैन्यूफैक्चरर्स को इसको सीधा करके इससे बुनने के लिए धागा निकालना पड़ता है। ऐसा फाइबर धोने पर एक बार पानी के संपर्क में आने से वापस अपने मुड़े हुए रूप में आ जाता है।
कपड़ों के सिकुड़ने का पहला तरीका होता है उनका रिलैक्स होना। इस तरीके में कॉटन के कपड़े शामिल होते हैं। दरअसल कॉटन के कपड़ों को मार्केट में उतारने से पहले उनकी रफनेस को खत्म करने के लिए उनपर स्टार्च किया जाता है। अब जब इन कपड़ों को पानी में या वॉशिंग मशीन में धोने के लिए डालते हैं तो इनके धागों पर से स्टार्च की परत हट जाती है। स्टार्च की ये परत हटने से कपड़ा बिना स्टार्च का अपने नैचुरल फॉर्म में आ जाता है।