नींद किसी भी इंसान के बायोलॉजिकल साइकल का एक अहम हिस्सा माना जाता है। जैसा कि सब जानते हैं कि नींद कम लेने से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं और वही कम नींद और अधूरी नींद के कई कारण हो सकते हैं और नाइट शिफ्ट उन्हीं में से एक है। आपको यह जानकर बड़ी हैरानी होगी कि नाइट शिफ्ट का बुरा असर हमारी सेहत पर पड़ता है और आज के इस समय में नाइट शिफ्ट एक सामान्य बात हो चुकी है।
सरी यूनिवर्सिटी शोध के मुताबिक पुरुषों की तुलना में महिलाओं के मस्तिष्क के प्रदर्शन पर सर्काडियन प्रभाव (24 घंटों का जैविक चक्र) इतना ज्यादा होता है कि नाइट शिफ्ट पूरी होने के बाद महिलाएं बहुत ज्यादा कमजोर महसूस करने लगती हैं। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के लिए नाइट शिफ्ट में काम करना ज्यादा नुकसानदायक हो होता है। नाइट शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं के मस्तिमष्क पर पुरुषों की तुलना में कहीं ज्यादा बुरा असर पड़ता है।
शोध में पाया गया कि नींद की कमी की वजह से महिलाओं को ध्यान लगाने में परेशानी होती है। इसके साथ ही गाड़ी को कंट्रोल करने में दिक्कत होती है और कई बार उन्हें भारी मानसिक तनाव से भी गुजरना पड़ सकता है। इस शोध के तहत शोधकर्ताओं ने 16 पुरुषों और 18 महिलाओं प्रतिभागियों के दिमागी क्रियाशीलता की तुलना की।