डॉ. सुभाष का कहना है कि अगर कोई दुबला-पतला है तो उसे भी अटैक हो सकता है। जिस प्रकार ओवरवेट एक बीमारी है, उसी प्रकार अंडरवेट भी खतरा है। इंसान की लंबाई और मोटाई के अनुसार बॉडी मास इंडेक्स होता है, एक इंसान का बीएमआई 22 से 23 के बीच में होना चाहिए। अगर यह कम है तो उन्हें कार्डिएक अरेस्ट का अधिक खतरा है। इन्हें भी सडन डेथ खतरा है।
डॉ. कुमार का कहना है कि दुबले-पतले लोग अगर स्ट्रेस में जीएंगे, पूरी नींद नहीं लेंगे, तो उन्हें भी सडन कार्डिएक अरेस्ट होगा और इसमें 33 पर्सेंट की मौत हो जाती है। हर महीने 20 से 30 साल के बीच के एक या दो युवा कार्डिएक अरेस्ट की वजह से इलाज के लिए पहुंचते हैं। ये ऐसे लोग होते हैं, जो नाइट शिफ्ट में काम करते हैं, सेनेटरी लाइफ स्टाइल जीते हैं, एक्सरसाइज नहीं करते हैं। डॉ. सुभाष ने कहा कि सडन कार्डिएक अरेस्ट पहला अटैक होता है और इसमें ही 33 पर्सेंट की मौत हो जाती है।