शराबी पति नहीं संतुष्ट कर पाता था पत्नी को, बेटे की उम्र के लड़के से बनाए संबंध, करवा दिया पति का कत्ल , इलाहाबाद में एक बार फिर ‘पति-पत्नी और वो की कहानी’ में मौत का खेल हुआ है। पत्नी ने अपनी प्रेमी के साथ मिलकर अपने पति को मौत के घाट उतार दिया। हत्या के बाद शव गंगा नदी में फेंक दिया गया। लेकिन रात भर से गायब पिता जब घर नहीं लौटा तो बेटे ने नवाबगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। जिसमे मां के आशिक पर अपहरण की रिपोर्ट लिखी गई। पुलिस ने आशिक को उठाया और अपने तरीके से आशिक का शरीर गर्म किया तो हत्या का राज खुल गया।

रात भर जब रामलखन घर नहीं लौटा तो सुबह बेटे ने नवाबगंज थाने में जितेंद्र के विरुद्ध अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया और प्रेम कथा को ही आधार बनाया। इसके बाद जीतेंद्र की कॉल डिटेल निकलवाई गई तो काफी हद तक मामला सुलझ गया। जितेंद्र पकड़ा गया और कड़ाई से पूछताछ हुई तो हत्या का खुलासा हो गया।

सीओ सोरांव डीपी शुक्ल ने बताया कि आरोपी जितेंद्र पटेल ने हत्या का जुर्म कबूल किया है। उसने बताया कि प्रेमिका यानी मृतक रामलखन की पत्नी सुदामा के कहने पर ही उसने रामलखन को मारा और शव गंगा में फेंक दिया। सीओ ने बताया कि नवाबगंज के मुबारकपुर पूरन कछार नरहा गांव का रहने वाला रामलखन पटेल किसान था। रामलखन नशे का लती हो गया था और इसे लेकर पति-पत्नी में दूरियां बढ़ने लगी।

इसी बीच गांव का जितेंद्र पटेल रामलखन के घर आता-जाता था। जिससे रामलखन की पत्नी अपना कभी-कभी दुखड़ा सुनाती थी। डेढ़ गुनी उम्र की महिला में ही उसे असली प्यार मिल रहा था दोनों के बीच सहानुभूति के साथ प्रेम के बीज भी अंकुरित होने लगे। हालांकि जितेंद्र रामलखन के बेटे का दोस्त था। लेकिन अपने से डेढ़ गुनी उम्र की महिला में ही उसे असली प्यार मिल रहा था। सुदामा और जीतेंद्र के बीच नजदीकियां बढ़ी और शारीरिक संबंध भी बन गए। इस बात की भनक रामलखन को लगी तो घर में जमकर झगड़ा होने लगा।

दोनों के मिलने-जुलने पर प्रतिबंध लगा तो चोरी छिपे दोनों मिलने लगे। एक दिन दोनों ने प्लान बनाया कि रामलखन को बिना रास्ते से हटाए वो जी नहीं सकेंगे और रविवार को मौका पाकर रामलखन को रास्ते से हटा दिया गया। सीओ शुक्ला ने बताया कि रामलखन का रविवार आधी रात शौच के लिए घर से निकला था। उसी वक्त पत्नी सुदामा ने जितेंद्र को कॉल कर बताया कि वो कछार में गया है… ‘मौका है…मार दो’। जितेंद्र तो इसी मौके के इंतजार में था। वो भी रामलखन के पीछे-पीछे कछार में पहुंचा। रामलखन पर वो झपटा तो उसने बचने की भरसक कोशिश की। लेकिन नशे से कमजोर हो चुका रामलखन, जीतेंद्र के नौजवान शरीर के आगे टिक न सका। रामलखन का गला चाकू से रेतने के बाद शव गंगा में ही फेंक दिया गया और तेज बहाव के कारण लाश पानी में बह गई।

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