बकावंड के बोदागुड़ा गांव से विवाह के बाद ससुराल भुरसुंडी आने के बाद देखते ही देखते कनक की छह लड़कियां हो गई। बड़ी लड़की तुला का विवाह भी पास के गांव अमड़ीगुड़ा में हो गया था। उससे छोटी दो लड़की गुड़िया ने दसवीं और बबली ने आठवीं तक पढ़ाई कर मिर्ची के खेतों में मजदूरी का काम शुरू कर दादा-दादी के पास रह कर परिवार चलाने में आर्थिक सहयोग देना शुरू कर दिया था।

इसके बाद की लड़की मीना भानपुरी छात्रावास में रहकर कक्षा आठवीं में पढ़ रही थी। सबसे छोटी दो लड़की सरिता (08) कक्षा चौथी में तथा बसंती (05) कक्षा पहली में अध्ययनरत थी। पति मंगलू ,पत्नी कनक और दोनों बच्चे साथ में रहते थे। जिंदगी हंसते-खेलते गुजर रही थी। कनक का पति हमेशा मजूदरी के पूरे पैसे शराब में खर्च कर नशे में धुत होकर घर लौटता था पर कनक को इसकी कोई शिकायत नहीं थी। उसे तो शिकायत तब हुई जब मंगलू साल भर पहले उसके चरित्र पर शक कर उलाहना देने लगा और यह धीरे-धीरे शारीरिक प्रताड़ना में बदल गया।

 

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