मैनपुरी में दो माह पहले निवाड़ कारोबारी और उसके कर्मचारी की हत्या से पुलिस ने मंगलवार को परदा उठा दिया। कारोबारी की प्रेमिका के भाइयों ने सुपारी देकर हत्या कराई थी। कोई सुराग न लगे, इसलिए हत्यारे ने कर्मचारी का भी गला रेत दिया था। पुलिस ने प्रेमिका के भाई, चाचा और सुपारी किलर को गिरफ्तार कर लिया है। मामले में तीन अन्य की तलाश है।

मामले की विवेचना कर रहे सीओ सिटी राजेश चौधरी ने बताया कि मंगलवार शाम को सर्वेश का चाचा ओमपाल, भाई वीरपाल और सुपारी किलर प्रमोद उर्फ बिकटा पुलिस के हत्थे चढ़ गए। अलग-अलग हुई पूछताछ में तीनों ने हत्या का राजफाश कर दिया। बताया कि हत्या तो सिर्फ राकेश की होनी थी, कोई सुराग न लगे इसलिए साथ सो रहे आलोक का भी गला रेत दिया। सीओ ने बताया कि इस मामले में वांछित सर्वेश के एक भाई सहित तीन अन्य की तलाश है।

शहर कोतवाली क्षेत्र में अवाबाग कॉलोनी पजाबा निवासी राकेश मिश्रा अपने घर में निवाड़ कारखाना चलाते थे। मैनपुरी जिले के थाना बेवर क्षेत्र के गांव दुर्जनपुर निवासी आलोक मिश्रा कारखाने में कर्मचारी था। आठ फरवरी की रात कारखाने में सोते समय दोनों की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। घटना की रिपोर्ट आलोक मिश्रा के ताऊ विनोद कुमार ने प्रमोद उर्फ बिकटा निवासी गांव बांसखेड़ा, थाना जलालाबाद, जिला शाहजहांपुर और दो अज्ञात के खिलाफ दर्ज कराई थी।

पुलिस को जांच-पड़ताल में पता चला कि राकेश मिश्रा भी बांसखेड़ा के निवासी थे। 15 साल पहले वे इसी गांव की दूसरी जाति की युवती सर्वेश गूजर को भगा ले गए थे। इससे गुस्साए सर्वेश के परिजनों ने राकेश मिश्रा के गांव स्थित घर पर हमला कर फूंक दिया था। परिजनों के साथ भी मारपीट की थी। इसका मुकदमा शाहजहांपुर में लंबित है। सर्वेश के परिजनों ने दोनों की काफी तलाश की थी। सर्वेश के दोनों भाइयों ने राकेश को मारने की कसम भी खाई थी।

इधर, राकेश सर्वेश को लेकर दिल्ली आ गया। यहां कपड़ों का कारोबार शुरू कर दिया। 13 साल तक सर्वेश और राकेश दिल्ली में छिपे रहे। लंबे अरसे तक छिपे रहने के बाद राकेश को लगा कि अब मामला शांत हो गया है, तो उसने गांव आना-जाना शुरू कर दिया। राकेश को गांव आते-जाते देख सर्वेश के भाइयों के मन में सुलग रही आग फिर भड़क उठी।

राकेश ने अपना कारोबार बढ़ाने के लिए मैनपुरी कोतवाली क्षेत्र के अवाबाग कॉलोनी पजाबा में निवाड़ का धंधा शुरू कर दिया। आलोक को कर्मचारी रख लिया। सर्वेश दिल्ली में कारोबार संभालती। वो कभी-कभार मैनपुरी राकेश के पास आती-जाती रहती। इसकी जानकारी होने के बाद सर्वेश के भाइयों ने अपने मंसूबे पूरे करने का तानाबाना बुन लिया। पुलिस के अनुसार, सर्वेश के भाई हरीशंकर, वीरपाल और चाचा ओमपाल ने गांव के प्रमोद उर्फ बिकटा, सत्यवीर तथा नजदीकी गांव बमनी निवासी संतोष को दो लाख रुपये की सुपारी देकर राकेश और आलोक की हत्या करा दी।

 

 

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