जैसा कि हम सब जानते है कि हिंदु धर्म में देवी-देवाताओं की पूजा करते समय कपूर का इस्तेमाल जरूर किया जाता है और यह परंपरा सदियों पुरानी चली आ रही है। माना जाता है कि आरती में कपूर का इस्तेमाल ना किया जाए तो आरती अधूरी मानी जाती है। लेकिन हम ये नही जानते कि आखिर पूजा के वक्त कपूर का प्रयोग हम क्यों करते है,

पूजा के वक्त कपूर क्यो जलाया जाता है?

भारत की अन्य परंपराओं की तरह कपूर जलाने के पीछे भी कई तरह के अध्यात्मिक और वैज्ञानिक कारण भी है। माना जाता है कि कपूर जलाने से वायुमण्डल शुद्ध होता है। साथ ही हानिकारक संक्रामक बैक्टीरिया नष्ट होती है।

अध्यात्म में कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति चाहता है कि उसके घर में कोई बुरी शक्ति प्रवेश न करें तो इसके लिए रोजाना शाम के समय घर पर गोबर के उपले में कपूर जलाएं। शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि अगर आप पितृदोष और देवदोष को शांत करना चाहते है तो घर में कपूर जलाएं। सोते समय घर में कपूर जलाने से आसपास का वातावरण ठीक हो जाता है। जिससे आपको बुरे सपने नहीं आते है। कपूर को जलाने के वैज्ञानिक महत्व भी है। इसके अनुसार इसको जलाने से वातावरण में मौजूद बैक्टीरिया नष्ट हो जाते है।

वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि कपूर इंसान को कई बीमारियों से भी बचा सकता है। जैसे कि कफ, मांसपेशियों में खिंचाव, गर्दन में दर्द, आर्थराइटिस आदि बीमारियों से निजात दिलवाने में सक्षम हैं।

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