छत्तीसगढ़ के रावणभांठा में बैलों की सेल्फी लेने के लिए लोगों का जमावड़ा इकठ्ठा हो गया। जय-वीरू, हीरा-मोती और शेरू-वीरू नाम के इन बैलों को देखने के लिया दूर-दूर से लोग आए।

रावणभांठा में ये बैलों की ये तीन जोड़ियां गुरुवार को अलग अंदाज में नजर आ रही थीं। इन्हें देखने भीड़ भी उमड़ी थी। लोग सेल्फी भी ले रहे थे। कोई गौरा-गौरी वेश में नजर आ रहा था, तो कोई गणेश चतुर्थी की आमद का संकेत दे रहा था। इतना ही नहीं, एक जोड़ी तो मोर का आभास करा रही थी।

ये सभी पोला के मौके पर आयोजित बैल दौड़ और बैल सजाओ प्रतियोगिता में शामिल होने यहां पहुंचे थे। छत्तीसगढ़ में मनाए जाने वाले त्योहारों में पोला का खास महत्व है। जब बात पोला की आती है तो खेती-किसानी में अहम योगदान देने वाले बैलों का किसान इस दिन खास आदर, मान-सम्मान करते हैं। रावणभाठा मैदान में आयोजित प्रतियोगिता भी इसी आदर का ही एक हिस्सा थी।

लगभग 19 बैलों का जोड़ा यहां पहुंचा था। कई सालों से चले आ रहे इस दौड़ की बढ़ती लोकप्रियता ने सबको यहां इकठ्ठा कर दिया। इस दौरान कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल भी यहां पहुंचे। जैसे उन्होंने बैलों की पूजा कर उन्हें चीला रोटी खिलाई, बैल दौड़ पड़े। लेकिन कई बैल पीछे छूट गए। इससे एक बार फिर दौड़ कराई गई, लेकिन इस बार सीटी बजने से पहले ही कई जोड़ी बैल दौड़े। इससे फिर से दौड़ पूरी नहीं हो सकी। आखिर में आयोजकों ने सभी प्रतिभागियों को विजेता घोषित करते हुए पुरस्कार राशि को बराबर बांट दिया।

19 जोड़ी बैलों में 16 जोड़ी बैलों के बीच दौड़ हुई, वहीं 3 बैलों को सजावटी स्पर्धा में रखा गया। इस स्पर्धा में जय-वीरू की जोड़ी सबके आकर्षण का केंद्र रही। यही जोड़ी सजावटी स्पर्धा में विजेता रही।

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