सोशल मीडिया आज की जेनेरेशन का सबसे लोकप्रिय एसेट है। दुनिया में लगभग 70 फीसदी लोग आज सोशल मीडिया पर सक्रिय है और हर दिन यह संख्या बढ़ती ही जा रही है। लेकिन क्या कभी आपने सोचा जो फेसबुक या ट्विटर अकाउंट हम इस्तेमाल करते हैं उनमें पासवर्ड लगा के रखते हैं तो ऐसे में अगर हमारी मृत्यु हो जाती है तो कंपनी उस अकाउंट का क्या करती है और इस प्रोफाइल में सेव की हुई जानकारी, फोटोज, वीडियोज और अन्य फाइल्स को आखिर कोई एक्सेस कर सकता है या नहीं? या फिर किस तरह से अकाउंट को डिलीट किया जा सकता है।

जीमेल और गूगल प्लस जैसी सर्विस देने वाली कंपनी गूगल ‘inactive account manager’ नाम का टूल देती है। इस टूल की मदद से आप यह मैनेज कर सकते हैं कि आपकी मौत के बाद आपके अकाउंट का क्या हो। इसमें आप एक टाइम लिमिट (6 महीने या 12 महीने) तय कर सकते हैं जिसके बाद आपके के अकाउंट का सारा डाटा ऑटोमैटिकली डिलीट कर दिया जाएगा। इसके अलावा आप किसी व्यक्ति को नॉमिनेट भी कर सकते हैं जिसे आपके सभी मेल मिलते रहेंगे।

जब भी किसी व्यक्ति की मौत के बाद अगर उस व्यक्ति का कोई जानकर या सम्बन्धी इस ट्विटर को इसकी जानकारी देता है तो ट्विटर उस अकाउंट को डिएक्टिवेट कर देता है। हालांकि, इसके लिए डेथ सर्टिफिकेट की जरूरत होती है। क्योंकि कई यूजर्स ट्विटर अपने असली नाम से नहीं होते हैं। साथ ही, कंपनी मरने वाले व्यक्ति से जुड़ी कुछ और जानकारियां भी मांगती है। जानकारी देने के तीस दिन बाद ट्विटर उस अकाउंट को हमेशा के लिए डिएक्टिवेट कर देता है।

लेकिन फेसबुक अकाउंट का यह काम कुछ अलग है ।फेसबुक का इससे कुछ अलग आपके मरने के बाद आपके किसी भी रिश्तेदार को अकाउंट का एक्सेस नहीं देती है। इसकी जगह आपके चाहने वाले फेसबुक से आपके अकाउंट को ‘memorialized’ करने की रिक्वेस्ट कर सकते हैं। यानी किसी भी हाल में आपके अकाउंट में कोई भी लॉगइन नहीं कर सकता। साथ ही, अकाउंट से किसी भी तरह की कोई छेड़छाड़ भी नहीं कर सकता। किसी व्यक्ति की मौत के बाद उसके नाम को ‘people you may know’ या ‘suggesting friends’ की लिस्ट में नहीं दिखाया जाता है।

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