फ्रांस में हुए आतंकी हमले के बाद दुनिया भर से प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। दुनियाभर में इस हमले की निंदा हो रही है। वहीं कई जगहों से मुसलमानों के खिलाफ आवाज़ें भी उठने लगी हैं। BBC हिंदी के हवाले से खबर है कि अमरीकी रिपब्लिकन पार्टी के पूर्व स्पीकर और अमरीका के उपराष्ट्रपति पद के लिए शार्टलिस्ट नामों में से एक न्यूट गिंगरिच ने फॉक्स न्यूज़ से कहा कि अमरीका को लोगों के ‘मुस्लिम बैकग्राउंड’ की जांच करनी चाहिए और अगर ये लोग ‘शरिया में यक़ीन’ रखने वाले पाए गए तो उन्हें अमरीका से बाहर कर देना चाहिए।

इससे पहले भी साल 2015 में फ्रांस में दो बड़े चरमपंथी हमले किए जा चुके हैं।
जनवरी में शार्ली हेब्दो पत्रिका के कार्यालय पर हमला हुआ था जिसमें 12 लोग मारे गए थे। हमलावर फ़रार हो गए थे। इस हमले के बाद एक यहूदी सुपरमार्केट में हमलावरों ने कई लोगों को बंधक बना लिया था। एक लंबे सुरक्षा ऑपरेशन के बाद हमलावरों को मार दिया गया था।

फ्रांस में बना असुरक्षा का माहौल नवंबर 2015 में और ख़तरनाक़ हो गया जब पेरिस में बड़ा हमला हुआ। नवंबर 2015 में राजधानी पेरिस को निशाना बनाया गया। पेरिस में कई जगहों पर हुए हमलों में कम से कम 130 लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए।

गौरतलब है कि इस बार फिर फ्रांस की सरज़मीं पर हुए आतंकी हमले में जान और माल का भारी नुकसान हुआ है। मरने वालों में मासूम बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं। अब तक इस आतंकी हमले में 80 लोगों के मारे जाने की खबर है।

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