इस जगह कोई भी मर नहीं सकता, जानिए क्यों, वीडियो

यहां ऐसी कड़ाके की ठंड होती है कि लाशें खराब ही नहीं होती। इस चौंकाने वाली बात को वैज्ञानिक तौर पर प्रूफ करने के लिए वैज्ञानिकों ने कुछ साल पहले यहां एक डेडबॉडी के टिशू सैम्‍पल के तौर पर लिए थे। उनमें रिसर्च के बाद अभी भी एन्‍फ्लुएंजा के वायरस मिले। उसके बाद से यहां नो डेथ पॉलिसी लागू कर दी गई। इसके अलावा यहां हर वक्‍त पोलर बियर का खतरा भी रहता है। इसके चलते हर किसी को हाई पावर राइफल रखना भी जरूरी है।

इस आर्कटिक टाउन को लॉन्‍गेयर के नाम से भी जानते हैं। इसको अमेरिकी जॉन लॉन्‍गेयर ने तलाशा था। यही वो जगह थी जहां 1906 में उन्‍होंने आर्कटिक कोल कंपनी को शुरू किया था। यहां माइनिंग ऑपरेशन के लिए 500 लोगों को लाया गया। बता दें कि लॉन्‍गेयर एक कंपनी टाउन था। इसके बावजूद 1990 तक यहां से ज्‍यादातर माइनिंग ऑपरेशन स्वियाग्रूवा में शिफ्ट हो गए। अब फिलहाल ये टाउन एक बड़े टूरिस्ट्स प्वाइंट में तब्‍दील हो गया। अब बड़ी तादाद में यहां रिसर्च होती है। आप ये भी जानकर चौंक जाएंगे कि यहां साल में चार महीने सूरज नहीं निकलता और 24 घंटे रात रहती है।

यहां टम्‍प्रेचर माइनस में चला जाता है। इतने टम्‍प्रेचर में यहां जिंदगी इतनी मुश्‍किल है कि आप यहां रहने के बारे में शायद ही सोचें। इसके बावजूद लोग यहां रहते हैं। वैसे यहां के बारे में एक और चीज सोचकर आपको ताज्‍जुब होगा कि जितना मुश्‍किल यहां ठंड से निपटना है उससे भी ज्‍यादा मुश्‍किल है पोलर बियर से निपटना। इससे भी ज्‍यादा यहां की खासियत ये है कि यहां मरने की इजाजत नहीं है।

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