वैवाहिक रिश्ते में शारीरिक संबंध की ये बात आपको भी नहीं पता होगी , हमारे पूर्वजों ने जिस समाज का निर्माण किया, उसमें वैवाहिक पद्तियों को बहुत सोच-समझकर तैयार किया गया होगा। क्योकि वैवाहिक रिश्तों की बुनियाद को शायद वो अच्छी तरह से जानते होंगे। तभी तो उन्होंने किसी के स्त्री का एक पुरुष के साथ ही शारीरिक संबंध कायम होते हैं यह विवाह ब्रह्म विवाह कहलाता है।

हाला कि ऐसे कई उदाहरण हमारे पौराणिक ग्रंथों में मौजूद हैं। जिसमें बहु-विवाह का उल्लेख मिलता है। लेकिन एक ही व्यक्ति से शारीरिक संबंध रखना पूरी तरह से मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया है। दूसरे शब्दों में कहें तो, एक तरह से यह समर्पित रिश्ते में सबसे ज्यादा बेहतर रिश्ता माना जाता है।

भारतीय संस्कृति में इस भौतिक याददाश्त को ऋणानुबंध कहा गया है। आपकी याददाश्त ही आपको अपने आस-पास की चीजों से बांधती है। जैसे कि आप घर गए और भूल गए कि आपके माता-पिता कौन हैं, तो आप क्या करेंगे?लेकिन यह खून या प्यार का असर नहीं होता, यह आपकी याददाश्त होती है जो बताती है कि यह व्यक्ति आपकी मां या पिता है। याददाश्त ही रिश्तों और संबंधों को बनाती है। अगर आप अपनी याददाश्त खो बैठे, तो हर कोई आपके लिए पूरी तरह अजनबी हो जाएगा।

आपके शरीर की याददाश्त की तुलना में आपके दिमाग की याददाश्त बहुत कम है। अगर आप किसी चीज या किसी इंसान को एक बार छू लें, तो आपका दिमाग भूल सकता है मगर शरीर में वह हमेशा के लिए दर्ज हो जाता है।जब लोग एक-दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं, तो मन उसे भूल सकता है, मगर शरीर कभी नहीं भूलेगा। अगर आप तलाक लेते हैं, तो चाहे आप अपने साथी से कितनी भी नफरत करते हों, फिर भी आपको पीड़ा होगी क्योंकि शारीरिक याददाश्त कभी नहीं खो सकती।

दरअसल ‘मनुष्य की शारीरिक याददाश्त(फिजिकल मेमोरी) की तुलना में दिमाग की याददाश्त बहुत कम है। अगर आप किसी चीज या किसी इंसान को एक बार छू लें, तो आपका दिमाग भूल सकता है मगर शरीर नहीं। जब लोग एक-दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं, तो मन उसे भूल सकता है लेकिन शरीर कभी नहीं भूलेगा।’ यह सवाल उठना लाजमी है कि ऐसे में समझदारी वाली बात क्या है? तो इसके दो पहलू हैं। पहला है सामाजिक पहलू है। यानी अमूमन समाज को स्थिर और मजबूत रखने के लिए ‘एक पुरुष– एक स्त्री’ की बात की गई।

दुनिया के कई देशों में, जहां ‘एक पुरुष-कई स्त्रियां’ की बात की जाती है, वहां समाज को स्थिर रखने के लिए सख्ती से शासन चलाना पड़ा। और दूसरा पहलू है, ‘जिस किसी जीव ने इस पृथ्वी पर जन्म लिया है उनके अस्तित्व में सभी पदार्थों की स्मृति या याददाश्त होती है। उसका शरीर याद रखता है कि एक लाख वर्ष पहले क्या हुआ था। इसे ही आनुवांशिक (जेनेटिक्स) याददाश्त कहते हैं।

 

 

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