हर पेरेंट्स चाहते हैं कि उनका बच्चा बेहद खूबसूरत और गोरा पैदा हो, लेकिन एक जगह ऐसी भी है जहांए गोरे बच्चे के पैदा होते ही उसे मार दिया जाता है। यह जगह कहीं और नहीं बल्कि हमारे भारत में ही है। परंपराओं के नाम पर भारत मेंं बहुत सी चीजें होती हैं, उन्हीं में से एक का नमूना है ये। केंद्र शासित प्रदेश अंडमान में परंपरा के नाम पर जारवा जनजाति के लोग अपने ही बच्चों को मार डालते हैं।
वैसे तो यहां भी किसी घर में बच्चे की किलकारी गूंजते ही जश्न मनाए जाते हैं, लेकिन अगर बच्चे का रंग काला न होकर, थोड़ा सा भी साफ होता है, तो उसे मार दिया जाता है, क्योंकि वो दूसरे समुदाय का लगता है। अंडमान पुलस के सामने मुश्किल यह है कि वह शिकायत पर एक्शन ले या फिर ट्राइब की परंपरा को बनाए रखे।
पिछले साल नवंबर में एक बच्चे की हत्या के बाद आई विटनेस ने पुलिस को पूरी जानकारी दी, लेकिन अपनी जाति के शख्स पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि काला बच्चा पैदा करने के लिए यहां लोग जानवरों का खून पीते हैं। यहां मान्यता है कि अगर गर्भवती महिला को खून पिलाया जाए तो बच्चे का रंग गहरा हो जाता है और वो काला पैदा होता है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस जनजाति की आबादी करीब 400 है। ये ट्राइब्स अंडमान आइलैंड के नॉर्थ इलाके में रहती है। माना जाता है कि जारवा जनजाति 55 हजार साल से यहां रहती है, लेकिन 1990 में पहली बार बाहरी दुनिया के संपर्क में आई। जारवा ट्राइब्स इलाकों में विदेशी या बाहरी लोगों का आना बैन है।