10 हजार आबादी वाले इस टाउन का नाम पिशेर लीड कंपनी के मालिक ओलिवर पिशेर के ऊपर रखा गया। लेकिन वहां के हालात इतने बुरे हो गए कि यहां रहने वाले लोगों की लाइफ पर खतरा मंडराने लगा। 1996 तक पिशेर में रहने वाले 34% बच्चे लीड पोइजनिंग का शिकार हो गए थे। साल 2009 में पिशेर टाउन को खाली करवा दिया गया था। इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट के नाम पर इस शहर को जहरीला बना दिया गया।
जानकारी के अनुसार, यहां की हवा और पानी दोनों जहरीले हो गए थे। जिंक और लीड के खनन की वजह से यहां काफी अमाउंट में टौक्सिक वेस्ट जमा हो गया। इस शहर को अमेरिका के भुतहा शहरों में एक माना जाता है। लेकिन यहां की खूबसूरती आज भी वैसी ही बनी हुई है।
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