विदेश मंत्रालय ने बांध को लेकर भारत की चिंताओं पर एक लिखित जवाब में कहा, परियोजना की जलाशय क्षमता ब्रह्मपुत्र के औसत वार्षिक प्रवाह का 0.02 फीसदी है। निचले इलाकों में इसके प्रवाह पर विपरीत असर नहीं हो सकता। ब्रह्मपुत्र तिब्बत से अरुणाचल प्रदेश और असम होते हुए बांग्लादेश पहुंचती है। बता दें कि चीन ने 1 अक्तूबर को घोषणा की थी कि वह अपनी सबसे महंगी बांध परियोजना के लिए तिब्बत में शियाबुकु नदी का जल प्रवाह रोकने जा रहा है।
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