गिलगिट: POK में पाकिस्तान मानवाधिकारों का जमकर उल्लंघन कर रहा है। एशियन मानवाधिकार आयोद ने इस बात पर चिंता जताई है। एशियन ह्यूमन राइट कमिशन ने गिलगित-बालिस्तान में पाक पुलिस के अत्याचारों पर एक बयान जारी किया है। इस बयान में कहा गया है कि देश भर के ग्रामीण और शहरी इलाकों में पुलिस के अत्याचार देखने को मिल रहे हैं और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में तो और भी बुरा हाल है। PoK के गिलगित बालिस्तान के पास बसा शांत चलत बाला जिला स्थानीय पुलिस के अत्याचारों से सहमा हुआ है। यहां के पुलिस अधिकारियों पर स्थानीय लोगों से जबरन पैसे ऐंठने का आरोप हैं।

स्थानीय निवासी जफर अली के बेटे मीर शब्बीर हुसैन को हाल ही में स्थानीय पंचायत के आदेशों पर अमल न देने के आरोप में बुरी तरह से पीटा गया और गालियां दी गईं। मीर का अपने रिश्तेदार से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। इसकी सुनवाई पंचायत ने की थी और मीर के खिलाफ आदेश दिया था। इसके तहत मीर को अपने घर में बदलाव करना था। लेकिन चूंकी मीर दुबई में था और उसे इस काम में समय लग गया।

फिदा ने इसकी शिकायत पुलिस से की तो उन्होंने मीर को गैरकानूनी ढंग से हिरासत में लेकर बुरी तरह से पीटा। पुलिस का कहना है कि उन्होंने कई बार मीर को पुलिस स्टेशन आने को कहा, पर वह नहीं आया। स्थानीय लोगों के विरोध के बाद मीर को छोड़ा गया।

आयोग ने कहा है कि इससे पहले भी गिलगित बालिस्तान में बाबा जान नामक ऐक्टिविस्ट को दो साल तक पुलिस हिरासत में टॉर्चर किया गया था। कहा गया है कि आम लोगों पर पुलिस का टॉर्चर करना इतनी आम बात है कि पीड़ित इसकी शिकायत भी नहीं करते हैं। कमिशन ने ऐसे पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कड़े ऐक्शन लेने की मांग की है।

No more articles