इंटरनेट पॉर्नोग्राफी से जुड़ी कुछ अच्छी बातें, पढ़िए! आज भी कई देशों में पॉर्न पर खुलकर बात नही की जाती। पॉर्नोग्राफी पर बात करना किसी अपराध से कम नही माना जाता। आपको जानकर हैरानी होगी कि पॉर्न देखने के मामले में भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर है। इससे भी ज्यादा हैरानी तब होगी जब आपको ये पता चलेगा कि पॉर्न देखने से टेक्नॉलजी के क्षेत्र में कई अच्छी बाते निकलकर सामने आई है। जी हां क्या है वो बाते जिससे पॉर्नोग्राफी को देखना एक तरह से अच्छा माना गया है, आइए जानते है।
1) आपको जान कर हैरानी होगी कि लोगों के बीच इंटरनेट ईमेल, गेमिंग या गूगल की वजह से पॉप्युलर नहीं हुआ बल्कि पॉर्नोग्राफी देखने की वजह से हुआ है। 90 के दशक में लोगों को ऑलाइन आने के लिए प्रेरित करने में पॉर्न की बड़ी भूमिका रही है। लोग ईमेल देखने, किसी वेबसाइट से जानकारी लेने या फिर पॉर्न देखने के लिए इंटरनेट का रुख करते थे। भारत में शुरुआती दिनों में आम लोगों के लिए इंटरनेट का मतलब एक तरह से पॉर्न ही था।
2) भारत में लोगों को मोबाइल अपनाने के लिए प्रेरित करने के लिए तो पॉर्न की खास भूमिका नहीं है, मगर मोबाइल इंटरनेट डेटा पैक्स की खरीद बढ़ाने में जरूर इसका रोल है। पॉर्न देखने का मीडियम अब स्मार्टफोन्स पर शिफ्ट हो चुका है। ऑनलाइन होने के लिए मोबाइल इंटरनेट लोगों की पहली पसंद बन गया है।
3) 20 साल पहले ऑनलाइन पेमेंट की बात करना भी अजीब माना जाता था। लोग वर्चुअली पैसे खर्च करने को लेकर सहज नहीं थे। मगर उस वक्त भी लोग डिजिटल मनी के जरिए अपना फेवरिट पॉर्न कॉन्टेंट सब्स्क्राइब कर रहे थे।
4) फ्लॉपी डिस्क से शुरू होकर, सीडी, डीवीडी और फ्लैश ड्राइव तक के विस्तार में पॉर्न की बड़ी भूमिका रही है। क्लाउड स्टोरेज के मामले में भी यही बात लागू होती है। जिस वक्त इंटरनेट की स्पीड स्लो थी, कॉन्टेंट को स्ट्रीम करने के बजाय डाउनलोड करके रखने को प्राथमिकता दी जाती थी। इसके अलावा सीडी और डीवीडी किराए पर लेने का चलन भी एक वक्त चरम पर रहा था।
5) विडियो स्ट्रीमिंग का आगाज़ करने का श्रेय यूट्यूब को नहीं जाता है। पॉर्न इंडस्ट्री ने सबसे पहले अपने वेब पेजों पर पॉर्न विडियो डाले थे। वे ब्राउजर्स के साथ काम करते थे। पॉर्न इंडस्ट्री की वजह से ही बड़ी कंपनियों को अहसास हुआ कि विडियो में बहुत ज्यादा क्षमता है।