रही बात टेस्टोस्टीरॉन की बदौलत मर्दानगी दिखाकर लड़कियों से जीत हासिल करने कि तो फिर इसे लड़कों के साथ ही लड़ने देना चाहिए था। क्या प्रशासन सोया था या क्या उसे लगा कि एक ट्रासंजेंडर के लिए ये करना नामुमकीन है?

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