हालांकि मरीज को सामान्य जीवन में फिलहाल किसी तरह परेशानी नहीं है। लेकिन डॉक्टरों का मानना है कि आगे परेशानी हो सकती है। हार्ट पर प्रेशर, सांस की बीमारी या इंटेसटाइन चॉक होने यानी बंद होने जैसी समस्या हो सकती है।जेएलएनएमसीएच के अधीक्षक डॉ. आरसी मंडल ने कहा कि मैंने रिसर्च बेस पर नि:शुल्क सीटी स्कैन व अन्य जांच का आदेश दिया था। यह मामला अलग किस्म का है। मंगलवार को मेडिसिन और रेडियोलॉजी विभाग के डाक्टरों के साथ मामले की समीक्षा करेंगे। ऐसे मामले में सीधे एम्स रेफर करने का प्रावधान है। रेडियोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. एके मुरारका ने कहा कि मैंने अपने कॅरियर में इस तरह का केस नहीं देखा है। मरीज अभी सामान्य जीवन जी रहा है लेकिन दायें फेफड़े में इसकी वजह से सिकुड़न है। रिसर्च सेन्टर में ऐसे केस के समाधान का प्रयास होता है।