एक अखबार की रिपोर्ट के अनुसार मेंहदी बंग्लादेश के दोना रैनानगर इलाके का रहने वाला है। उसके पिता एक कैब ड्राइवर है और मां जहानरा बेगम घर पर रहकर उसकी देखभाल करती हैं। इस दुर्लभ बीमारी के कारण मेंहदी चल फिर नही पाता। पूरा दिन घर के भीतर बंद रहता है। उसका पूरा शरीर एक मोटी और सख्त परत से ढ़कता जा रहा है। बस उसका चेहरा बचा हुआ है।

मेंहदी की मां कहती है कि उसका बेटा कपड़े तक नहीं पहन पाता, क्योंकि उससे उसे चुभन होती है। पूरा दिन घर में बंद रहता है। वो ना तो खेल सकता है और ना ही पढ़ लिख पा रहा है। स्कूल और मदरसे वालों ने उसे निकाल दिया, क्योंकि उसे देखकर बच्चे डर जाते हैं। लोग उसे गालियां देते हैं। वो कहती हैं कि मेंहदी बिल्कुल सामान्य बच्चों की तरह ही पैदा हुआ था।

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