मल्लपा अपने पैरों पर नहीं चल नहीं पाता क्योंकि उसके पैर मुड़े हुए हैं। इसलिए वह अपने हाथों के सहारे घिसट घिसट कर आगे बढ़ता था। कुछ समय पहले तक वीलचेयर पर बैठने के लिए भी मल्लपा को दूसरों की मदद की आवश्यकता पड़ती थी लेकिन अब वह तिपहिया वाहन भी खुद से चला लेता है और आराम से अपने दफ्तर आना जाना करता है।