सुभाष ने पूरे मामले की जानकारी ज्वालापुर पुलिस को देते हुए उनसे अपनी भैंस वापस दिलवाने का आग्रह किया। मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने सूरज को पकड़कर उससे पूछ-ताछ की। सूरज ने पुलिस को बताया कि उसने ज़ुल्फिकार को भैंस बेची है। मगर, सुभाष इस बात को मानने के लिए ही तैयार नहीं हुआ।
अब तीनों पक्ष की बातें सुनकर पुलिस भी चकरा गयी। काफी देर तक पूछताछ के बाद यह फैसला लिया गया भैंस खुद ही अपने मालिक को चुनेगी। पुलिस ने कहा कि भैंस को वो सराय रोड़ पर छोड़ देंगे। इसके बाद में भैंस जिसके घर जाएगी, वही उसका मालिक होगा। इस पर दोनों राजी हो गए।