गांव के लोगों का कहना है कि प्रसव के दौरान वह झोलाछाप डॉक्टर पता नहीं कौन सी दवा और इंस्ट्रुमेंट का इस्तेमाल करते हैं  की महिलाएं छटपटाती रहती हैं और उनकी दशा खराब हो जाती है। जिसमें कई बार तो प्रसव के दौरान महिला की मौत भी जाती है। यहां तक की नवजात के साथ अनहोनी तक हो जाती है। लोग का कहना हैं कि ये दवाएं तक ओरिजनल नहीं देते। सिर्फ मोटी रकम ले लेते हैं। महिलाएं छटपटाती रहती हैं। साकरस गांव के पूर्व सरपंच फजरुद्दीनबेसर, खुर्शीद अहमद, जाकिरहुसैन, शमीम अहमद ने कहा कि कई बार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से मांग की गई है कि वे गांव में पीएचसी बना दें। उन्होंने कहा कि गांव के उपस्वास्थ्य केंद्र पर एक भी स्वास्थ्यकर्मी न होने की वजह से यह बंद रहता है।

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