हरियाणा के एक गांव में रहने वाली महिलाएं झोलाछाप डॉक्टरों से अपना प्रसव कराने के लिए मजबूर हैं। इस गांव में भले ही तीस हजार की आबादी है पर यहां एक भी डॉक्टर नहीं है। इस गांव की हालत इतनी दयनीय है कि मामूली सी परेशानी के लिए भी दस किमी दूर डॉक्टर के पास जाना पड़ता है। बता दें कि यह कोई और गांव नहीं, बल्कि हरियाणा का साकरस गांव है। भले ही हरियाणा सरकार और स्वास्‍थ्य विभाग कितने दावे करें, लेकिन ये बात स्वास्‍थ्य विभाग की पोल खोलती है।

साकरस गांव में तीस हजार की आबादी है। लेकिन इस गांव में एक भी स्वास्‍थ्य कर्मी नहीं है। इस गांव में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने एक उपस्वास्थ्य केंद्र खोला हुआ है। लेकिन गांव का ये एक मात्र उपस्वास्थ्य केंद्र भी कर्मचारियों के अभाव में  बंद पड़ा रहता है। सबसे हैरान कर देने वाली बात यह है कि गांव में विभाग ने प्रसव हट तक नहीं बना रखी है। मजबूर होकर गांव की महिलाओं को घरों में बनी झोलाछाप डॉक्टर की क्लिनिक में ही प्रसव कराने जाना पड़ता हैं।

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