घाटी में सैनिकों और पंडितों के लिए कॉलोनी बनाने के लिए प्रस्ताव दिया गया था जिसके खिलाफ कश्मीर में झडपों और प्रदर्शनों का दौर कई दिनों तक चला था। जाहिर है कि हुर्रियत कांफ्रेंस के दोनों गुटों और जे.के.एल.एफ. ने जनवरी में शुक्रवार की जुमा नमाज के बाद लोगों से कॉलोनियों के खिलाफ प्रदर्शन और काले झंडे फहराने का आह्वान किया था। गौरतलब है कि आतंकवाद बढ़ाने के बाद कश्मीर से 62 हजार कश्मीरी पंडित परिवार विस्थापित हुए थे। विस्थापितों में से 40 हजार जम्मू में हैं जबकि बाकी के 2000 के आसपास दिल्ली और अन्य जगहों पर बसे हैं।

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