उसके परिवार में पत्नी व 11 साल के बेटे के अलावा तीन भाई और पिता गोपीचंद राठी हैं। गोपीचंद भी दिल्ली पुलिस से एसआई पद से रिटायर्ड हुए हैं। ज्ञानेंद्र के छोटे भाई सुरेंद्र राठी ने बताया कि उनका एक और भाई दिल्ली पुलिस में सिपाही है। ज्ञानेंद्र 1997 में दिल्ली पुलिस में भर्ती हुआ था। करीब चार-पांच साल से उसकी तैनाती लोधी कॉलोनी स्थित स्पेशल सेल के ऑफिस में थी। शनिवार देर रात करीब 12:30 बजे वह शराब के नशे में घर पहुंचा। देर से आने पर उसकी पत्नी से कहासुनी होने लगी।
इसी बीच ज्ञानेंद्र ने सर्विस पिस्टल निकालकर अपनी कनपटी पर रखकर गोली चला ली। अन्य भाई उसे लेकर फौरन अस्पताल भागे, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद ज्ञानेंद्र का शव परिजनों को सौंप दिया।
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