यहां महिलाए रखती हैं मुंह में जूता, यह एक ऐसी अनोखी और अंधविश्वासी परंपरा है जिसे देखकर रूह तक कांप जाए, भूत के नाम पर महिलाओं के साथ किया जाता हैं जानवरों से भी गंदा सुलूक। पहले फटे हुए जूते से होती है पिटाई और फिर मुंह में जूता लेकर मंदिर तक जाना होता है और फिर इसी जूते से निकला गंदा पानी पीना पड़ता है।

राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के आसिंद के नजदीक बंक्याराणी माता मंदिर की 200 सीढ़ियां इसकी गवाह हैं। यहां हर शनिवार और रविवार को हजारों भक्तों के हुजूम के बीच 200-300 महिलाओं को ऐसी यातनाओं से गुजरना पड़ता है जिसे देखकर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। भूत से मुक्ति दिलाने के नाम पर यातनाएं, शरीर जख्मी हो जाता है कोहनियों से बहने लगता है खून

पीठ और सिर के बल रेंगकर ये महिलाएं 200 सीढ़ियों से इसलिए नीचे उतरती हैं और फिर इन्हे मड़े के जूतों से मारा जाता है, मुंह में चमड़े का गंदा जूता पकड़कर दो किमी चलना पड़ता है, इन्हें उसी गंदे जूते से गंदा पानी तक पिलाया जाता है। अधिकांश महिलाएं चीख-चीखकर ये कहती हैं कि उन पर भूत-प्रेत का साया नहीं, वो बीमार हैं लेकिन किसी पर कोई असर नहीं होता।

यहां बने हनुमान मंदिर के कुण्ड में महिला को भोपा (पंडित) स्नान करने को बोलते हैं। इस कुण्ड में दिन भर में करीब 3 सौ महिलाएं स्नान करती है। कुण्ड का पानी इतना गंदा की हाथ भी नहीं धो सकते है, लेकिन यही पानी महिला को चमड़े के जूते में लेकर पीना पड़ता है वो भी एक-दो बार नहीं बल्की पूरे सात बार पिलाया जाता है।

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