पर्यावरण को बचाने के लिए लोग क्या कुछ नही करते हैं लेकिन जो इस दुल्हे ने किया वो बेहद चौकाने वाला हैं। छोटी सी शुरुआत ही सही, पर ये है ये बहुत ही महत्वपूर्ण।
सूखे की मार झेल रहे बुंदेलखंड के एक किसान ने बेटी की शादी पर्यावरण और प्रकृति को समर्पित होकर की। इसे ‘ग्रीन मैरिज’ का नाम भी दिया। शादी में बारात बैलगाड़ी से आई। पत्तल में सादा भोजन परोसा गया। विदाई से पहले दूल्हा-दुल्हन ने पौधरोपण किया। यही नहीं, दुल्हन को दहेज के रूप में पीपल और अर्जुन के पौधे देकर ससुराल में भी पर्यावरण संरक्षण के संस्कार को बढ़ाने की नसीहत दी।
ये अनोखी शादी बुंदेलखंड के बांदा नरैनी क्षेत्र के गंगापुरवा गांव में हुई जहां के किसान तेजा निषाद ने पर्यावरण संरक्षण की जोरदार पहल की है। निषाद ने अपनी बेटी का ब्याह कई दशकों पुरानी ग्रामीण परंपरा के अनुसार किया। तेजा ने अपनी बेटी मैकी देवी की शादी पड़ोसी गांव काजीपुर के गणेश से की है। वर पक्ष भी शादी को ‘ग्रीन मैरिज’ के रूप में करने पर खुश था। और यही नहीं लड़की के पिता ने अपनी रिहायशी झोपड़ी और पड़ोसी के मकान को हरे पत्तों से सजाया। बारातियों को कमल और छूल के पत्तों में सादा भोजन परोसा गया।
फेरे लेने के बाद वधू मैकी देवी और वर गणेश ने गांव मे ही पीपल और अर्जुन के पौधे भी रोपे। इसलिए कहते हैं अगर सोच बड़ी हो तो आप कठिन से कठिन मार्ग भी आसानी से पार लेते हैं। इसी का एक उदाहरण है ये ग्रीन मैरेज।

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