ये निशान किसके हैं यह रहस्य ही बना हुआ है। सरसों के खेत हों या गन्ने के खेत, आलू हो या गेंहू हर खेत में ये भारी-भरकम निशानों के मिलने से लोग सकते में हैं। कोई इसे मकुना हाथी कह रहा है तो कोई इन निशानों को शैतान के पांव भी बता रहा है। करीब पचास हजार की आबादी और तीन दर्जन से ज्यादा गांवों में इन पैरों का खौफ सर चढ़कर बोल रहा है।
शहर और जिला मुख्यालय के पास तक पहुंच गए इन आदमकद पांव के निशानों से लोग हैरान हैं। सूर्यास्त होते ही लोग घरों में दुबक जा रहे हैं, लोग खेतों में काम पर नहीं जा रहे हैं। गेंहू को पानी नहीं लगा रहे और गंन्ने की छिलाई भी बन्द हो गई है।
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