अमरनाथ घटना के ठीक पहले घूमने-फिरने के इरादे से दियारा जाने के लिए मोटरबोट (एमवी कौटिल्या) पर सवार हो गया।अमरनाथ के मुताबिक, शाम का धुंधलका होने के कारण वह दूर से दुर्घटनाग्रस्त नाव को ठीक से नहीं देख पा रहा था। नजदीक जाने पर लगा कि 40 से 50 लोग गहरे पानी में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे थे। थोड़ी ही देर बाद नदी के बीच में पहुंचते ही उसकी नजर डूब रहे लोगों पर पड़ी। जिंदगी के लिए जद्दोजहद कर रहे लोग मौत की मुहाना बनी पानी में हाथ-पैर मार रहे थे। चीख-पुकार मची थी।